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तुम्हारे सुनहले बालों की ताकत के लिए नहीं
न उनके इतना अच्छा होने की खातिर
एक बार में ही हृदय
पूरी तरह अलग हो गया दूसरों से।
अमिट बनी रही तुम्हारी याद
बहुत बरस पहले तुमने
बिना डाँट, बिना शोर
झाँका था मेरी आँखों में।
पहले से अधिक मृदुता और निकटता से
प्यार करता हूँ तुम्हें, सिर्फ तुम्हें
जिसने बताया नाम-ओक्साना
और चली गई बहार की राह से हवाओं के बीच।
मेरे साथ चली आई कष्ट झेलती
दिनों को खुशियों से भरती
उन वर्षों में जब बर्फीले तूफान ने
बर्फ का बोझ लाद दिया था हमारे कंधों पर।
उस प्रदेश में जहाँ बहती हैं ठण्डी हवाएँ
दूर उड़ देते हैं होठों से गीत,
मदहोश जहाँ प्यार करना संभव नहीं
संभव नहीं गीत गाना तुम्हारे बारे में।
जहाँ कॉलर से पकडती हैं बहार
थकाती है अवसाद से
लेटना चाहती हैं जमीन पर
मेपल और झाड़ियों के पास।
नहीं, यह तुम्हारे बालों की ताकत नहीं थी,
न ही उनके इतना अच्छा होने ने चाहा था
बल्कि यह आदेश था तुम्हारा उस सबके लिए
जो ध्वनित होता रहा मेरी एक एक पंक्ति में।
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